• वाणी सत्ता से जितना दूरी बनाएं रखेगी, यह वाणी के लिए ही उतना अच्छा है।
• अवधी, ब्रज भाषा—ये सब हिंदी की बोली, बहनें, या बेटियां नहीं है। ये सभी भाषाएँ हैं।
• दुनिया का इतिहास हमें यह सिखलाता है कि किसी भी देश में पूरी तरीके से दमन तब तक नहीं किया जा सकता है, जब तक वहाँ के कवि, लेखक व्यंजना में अपनी अभिव्यक्ति करते रहेंगे।
—Prof. Krishna Kumar
This event was a part of annual festival of Hindwi conducted 27.07.2025
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